बिलासपुर -: जिला कोटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नागोई (तहसील बेलगहना) में अवैध रेत उत्खनन का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। ग्राम पंचायत नागोई के ग्रामीणों और महिलाओं ने स्पष्ट कहा है कि संजय यादव द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं।
संजय यादव ने पहले ग्राम पंचायत करही कछार की ओर से सचिन साहू पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने अवैध वसूली की और रॉयल्टी पर्ची फाड़ दी। लेकिन जब रिपोर्टर नीरज कुमार तिवारी ने मौके पर जाकर ग्रामीणों व कोटवार से जानकारी ली, तो यह तथ्य सामने आया कि जिस दिन की घटना का उल्लेख संजय यादव ने शिकायत में किया है, उस दिन वे वहां उपस्थित ही नहीं थे। ग्रामीणों के अनुसार, यह पूरी कहानी मनगढ़ंत है और सचिन साहू के खिलाफ सोची-समझी साजिश रची गई है।
ग्रामीणों ने यह भी खुलासा किया कि तीन महीने पहले माइनिंग विभाग ने इसी घाट से अवैध उत्खनन पकड़ा था। उस दौरान ग्रामीणों ने 20-25 गाड़ियों को रोका था, लेकिन विभागीय रिपोर्ट में 150 से अधिक हाइवा दर्ज कर दी गई और बाद में “सेटलमेंट” दिखाकर रॉयल्टी पर्चियां जारी कर दी गईं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन पर्चियों की आड़ में हजारों गाड़ियां अवैध रूप से चल रही हैं और विभाग इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।
कोटवार ने भी कहा कि उन्हें पूरी प्रक्रिया से अलग रखा गया और खानापूर्ति के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई होती है, जबकि वाहन बाद में रेत माफिया अपने कब्जे में ले जाते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि यह एक संगठित रेत माफिया गिरोह है जिसमें विभाग की संलिप्तता भी दिखाई देती है।
ग्रामीण और समाजसेवी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अवैध रेत उत्खनन से अरपा नदी का अस्तित्व संकट में है। कई बार माननीय कलेक्टर को भी लिखित शिकायत दी गई, लेकिन अब तक केवल औपचारिक कार्रवाई ही हुई है। इससे ग्रामीणों को संदेह है कि कहीं प्रशासन स्वयं रेत माफिया के साथ मिला हुआ तो नहीं।
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि संजय यादव समेत पूरे क्षेत्र के रेत माफिया पर कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो वे जल्द ही उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।